NOT KNOWN FACTS ABOUT हनुमान चालीसा

Not known Facts About हनुमान चालीसा

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अर्थ- संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।

हिंदी अर्थ : “चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।”

 “जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।”

भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।

अर्थ- यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।

अर्थ – हे हनुमान जी आप भक्तों के सब प्रकार के मनोरथ click here पूर्ण करते हैं।

भावार्थ – जो प्राणी वीरश्रेष्ठ श्री हनुमान जी का हृदयसे स्मरण करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।

व्याख्या – मैं अपने को देही न मानकर देह मान बैठा हूँ, इस कारण बुद्धिहीन हूँ और पाँचों प्रकार के क्लेश (अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश) तथा षड्विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर) से संतप्त हूँ; अतः आप जैसे सामर्थ्यवान् ‘अतुलितबलधामम्‘ ‘ज्ञानिनामग्रगण्यम्‘ से बल, बुद्धि एवं विद्या की याचना करता हूँ तथा समस्त क्लेशों एवं विकारों से मुक्ति पाना चाहता हूँ।

हनुमान चालीसा के पाठ के समय अपना ध्यान सिर्फ हनुमान जी पर केन्द्रित रखें.

 “आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।”

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अर्थ – आपकी भक्ति से जन्म जन्मांतर के दुखों से मुक्ति देने वाली प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।

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